बदनाम हो गए तो भी नाम तो मिला
गुस्ताखियों का मेरी इनाम तो मिला
प्रसिद्धि किसे अच्छी नहीं लगती .हर कोई चाहता है की नाम हो पैसा हो शोहरत हो पर अब इसके मायने बदल गए है .अब कोई कितना ही कह ले ये रास्ता सही है ये गलत. प्रसिद्धि तो प्रसिद्धि है केसे भी मिले बस मिलना चाहिए .
क्या आप भी फेमस होना चाहते है यहाँ आइये हम आपको बताएँगे की प्रसिद्धि पाने के लिए क्या क्या कारगर तरीके है
१) किसी बड़ी हस्ती के लिए अपशब्द बोल दीजिए
२) अर्धनग्न होकर घूमिये और इसी तरह की बयानबाजी करिए
३) डाकू बन जाइये और फिर आम जिंदगी में वापस आ जाइये
और चौथा और बड़ा कारगार तरीका किसी का खून कर दीजिए उसकी लाश के टुकड़े करिए सबूत के अभाव में अदालत से बरी हो जाइये और फिर हो जाइये प्रसिद्द.
अच्छे उपाय है ना?आप सोच रहे होंगे ये क्या बात हुई ये तो बरगलाने वाली बात हुई पर लगता है बरगलाए हुए लोगो की ही पूछ बढ़ने वाली है अब .जो लोग दिन रात एक करते है उन्हें कोई जानता नहीं पर कुछ लोग अपनी उल जलूल हरकतों और कई बार वहशियाना हरकतों से प्रसिद्धि पा जाते है .
हम तो सोच रहे है ऐसा एक इंस्टिट्यूट खोल ले और वहां इसी तरह से प्रसिद्धि पाने वाले लोगो को अध्यापक रख ले.इसके २ फायदे होंगे एक तो शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा (अब सीखना सिखाना तो होना ही चाहिए ना आखिर उन लोगो को भी हक है की वो दुसरे लोगो को बताएं की प्रसिद्धि के क्या क्या फंडे हो सकते है) दुसरे देश में प्रसिद्धों की संख्या बढ़ जाएगी (आखिर हर देशवासी को हक है की वो प्रसिद्ध हो).हाँ तो अपने इस इंस्टिट्यूट का नाम हम रखेंगे "बिगडो बिगाड़ो प्रसिद्धि पाओ" अच्छा नाम है ना?
सोच रहे है इस इंस्टिट्यूट का विज्ञापन कुछ इस तरह का बनवाएँगे "बहुत हो गया इमानदारी की बातें करना, भ्रष्टाचार के विरुद्ध बोलना ,मेहनत कर कर के कमर तोडना .अगर जीना चाहते है तो जाग जाइये , अगर प्रसिद्द होना चाहते है तो बदनाम हो जाइये हम सिखाएँगे आपको गुर बदनाम होने के . तो देर मत करिए लिमिटेड सीट "ध्यान रहे अपने साथ लेकर आए १)छोटे छोटे कपडे २) पश्चिम की आधुनिकता का अन्धानुकरण करने की सोच ३) गाली गलोच वाली भाषा ४)कीचड़ उछालने की क्षमता (चरित्रों पर) ५) बेशर्म बातों का भण्डार .
नोट :१ )अगर आप ज्यादा प्रसिद्ध होना चाहते है तो १,२ खून करके आइये .
२) खुनी ,हत्यारों ,एम एम एस कांड अभियुक्त,डाकू,चोर, उचक्के ,बेशरम लोग ,सभी बदनाम लोग जो प्रसिद्द होना चाहते है सबका स्वागत है कोई संकोच ना करे .
३) अगर अभी तक आप अच्छे इंसान है पर बदनाम होकर प्रसिद्द होना चाहते है तो आपका भी स्वागत है .
आइडिया अच्छा है ना मुझे लगता है चलेगा भी खूब !आखिर कब तक लोग इमानदारी ,सम्मान की २ रोटी खाएंगे? उन्हें भी प्रसिद्धि के लड्डू चाहिए और फिर ऐसे लोगो के पीछे तो मीडिया भी भागता है. सारे टी वी चैनल पीछे लग जाएगे ,अख़बारों में बड़ी बड़ी तसवीरें छपेगी,हो सकता है कोई फिल्मकार अपनी आनेवाली फिल्म का प्रस्ताव भी दे दे .
हम भी सोच रहे क्यों झंझट में पड़े जिंदगी भर जान देकर कमाएँगे तो भी इतना नहीं जुटा पाएँगे ना पैसा ना प्रसिद्धि ,बेहतर है कुछ ऐसा कर ले की पैसा भी मिले प्रसिद्धि भी (आखिर ये लोग चाहते भी तो यही है की सब बिगड़ जाए ताकि चोर चोर मोसेरे भाई दिखाई दे .) ऐसा ही चलता रहा तो जल्दी ही युवा ऐसे रस्ते अपनाने से बाज नहीं आएँगे (वेसे भी बिगड़ने के कम रस्ते नहीं है उनके पास).शर्म की बात है एक आदमी जान से गया और उसे मारने वाली एक अभिनेत्री आज भी प्रेस कांफ्रेंस करके अभिनय जालबिछा रही है .और सोचने की बात है की लोग उसे प्रसिद्द करने के लिए बड़े बड़े काम के ऑफर दे रहे है.....
खेर में शायद मुद्दे से भटक गई .हम भी तंग आ गए है इस ९ से ६ की नौकरी से अब थोडा प्रसिद्द होने का मन करता है अब हम खुद तो असा कुछ कर नहीं सकते तोइंस्टिट्यूट खोलने की ठानी है
तो जो भी लोग प्रसिद्धि पाना चाहते कृपया अवश्य संपर्क करें .और अगर ज्यादा प्रसिद्धि पाना चाहते है तो अपने साथ १ अच्छा मर्डर प्लान भी ले आए और कोई बेबस इंसान भी लेते हुए आए ताकि आप उसे मारकर प्रसिद्धि पा सके .....हम इन्तेजार करेंगे......
गुस्ताखियों का मेरी इनाम तो मिला
प्रसिद्धि किसे अच्छी नहीं लगती .हर कोई चाहता है की नाम हो पैसा हो शोहरत हो पर अब इसके मायने बदल गए है .अब कोई कितना ही कह ले ये रास्ता सही है ये गलत. प्रसिद्धि तो प्रसिद्धि है केसे भी मिले बस मिलना चाहिए .
क्या आप भी फेमस होना चाहते है यहाँ आइये हम आपको बताएँगे की प्रसिद्धि पाने के लिए क्या क्या कारगर तरीके है
१) किसी बड़ी हस्ती के लिए अपशब्द बोल दीजिए
२) अर्धनग्न होकर घूमिये और इसी तरह की बयानबाजी करिए
३) डाकू बन जाइये और फिर आम जिंदगी में वापस आ जाइये
और चौथा और बड़ा कारगार तरीका किसी का खून कर दीजिए उसकी लाश के टुकड़े करिए सबूत के अभाव में अदालत से बरी हो जाइये और फिर हो जाइये प्रसिद्द.
अच्छे उपाय है ना?आप सोच रहे होंगे ये क्या बात हुई ये तो बरगलाने वाली बात हुई पर लगता है बरगलाए हुए लोगो की ही पूछ बढ़ने वाली है अब .जो लोग दिन रात एक करते है उन्हें कोई जानता नहीं पर कुछ लोग अपनी उल जलूल हरकतों और कई बार वहशियाना हरकतों से प्रसिद्धि पा जाते है .
हम तो सोच रहे है ऐसा एक इंस्टिट्यूट खोल ले और वहां इसी तरह से प्रसिद्धि पाने वाले लोगो को अध्यापक रख ले.इसके २ फायदे होंगे एक तो शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा (अब सीखना सिखाना तो होना ही चाहिए ना आखिर उन लोगो को भी हक है की वो दुसरे लोगो को बताएं की प्रसिद्धि के क्या क्या फंडे हो सकते है) दुसरे देश में प्रसिद्धों की संख्या बढ़ जाएगी (आखिर हर देशवासी को हक है की वो प्रसिद्ध हो).हाँ तो अपने इस इंस्टिट्यूट का नाम हम रखेंगे "बिगडो बिगाड़ो प्रसिद्धि पाओ" अच्छा नाम है ना?
सोच रहे है इस इंस्टिट्यूट का विज्ञापन कुछ इस तरह का बनवाएँगे "बहुत हो गया इमानदारी की बातें करना, भ्रष्टाचार के विरुद्ध बोलना ,मेहनत कर कर के कमर तोडना .अगर जीना चाहते है तो जाग जाइये , अगर प्रसिद्द होना चाहते है तो बदनाम हो जाइये हम सिखाएँगे आपको गुर बदनाम होने के . तो देर मत करिए लिमिटेड सीट "ध्यान रहे अपने साथ लेकर आए १)छोटे छोटे कपडे २) पश्चिम की आधुनिकता का अन्धानुकरण करने की सोच ३) गाली गलोच वाली भाषा ४)कीचड़ उछालने की क्षमता (चरित्रों पर) ५) बेशर्म बातों का भण्डार .
नोट :१ )अगर आप ज्यादा प्रसिद्ध होना चाहते है तो १,२ खून करके आइये .
२) खुनी ,हत्यारों ,एम एम एस कांड अभियुक्त,डाकू,चोर, उचक्के ,बेशरम लोग ,सभी बदनाम लोग जो प्रसिद्द होना चाहते है सबका स्वागत है कोई संकोच ना करे .
३) अगर अभी तक आप अच्छे इंसान है पर बदनाम होकर प्रसिद्द होना चाहते है तो आपका भी स्वागत है .
आइडिया अच्छा है ना मुझे लगता है चलेगा भी खूब !आखिर कब तक लोग इमानदारी ,सम्मान की २ रोटी खाएंगे? उन्हें भी प्रसिद्धि के लड्डू चाहिए और फिर ऐसे लोगो के पीछे तो मीडिया भी भागता है. सारे टी वी चैनल पीछे लग जाएगे ,अख़बारों में बड़ी बड़ी तसवीरें छपेगी,हो सकता है कोई फिल्मकार अपनी आनेवाली फिल्म का प्रस्ताव भी दे दे .
सुबह एक मित्र का फ़ोन आया वो बोला चलो यार किसी को बेरहमी से मार दे हम भी प्रसिद्द हो जाएँगे हमें लेकर भी कोई फिल्म बनाएगा हमारे भी मजे हो जाएँगे .नीरज ग्रोवर हत्याकांड का फेसला आने के बाद होने वाली घटनाओं को देखकर तो यही लगता है की प्रसिद्द होने के लिए १ जान और ३ साल का समय बस यही तो चाहिए (कितना शर्मनाक है की आजकल ख़ूनी प्रेस कांफ्रेंस करता है ,भीड़ इकट्ठी करता है और कहता है न्यायालय ने मुझे दोषी माना है ,पर अब मेरी सजा पूरी हो गई है और में अपनी आगे की जिंदगी के बारे में सोचूंगी. जिंसकी जान गई उसका कुछ नहीं? ).बेरहमी से एक आदमी का क़त्ल ,उसके टुकड़े किए ,चाक़ू ख़रीदा ,लाश ठिकाने लगाई ऊपर से तुर्रा ये की में मजबूर थी. भाई एसी भी क्या मजबूरी? हमे भी पता चले हम भी अपनने इंस्टिट्यूट के लोगो को बताएँगे की जब न्यायालय में केस चले तो ये मजबूरी बताई जा सकती है......
हम भी सोच रहे क्यों झंझट में पड़े जिंदगी भर जान देकर कमाएँगे तो भी इतना नहीं जुटा पाएँगे ना पैसा ना प्रसिद्धि ,बेहतर है कुछ ऐसा कर ले की पैसा भी मिले प्रसिद्धि भी (आखिर ये लोग चाहते भी तो यही है की सब बिगड़ जाए ताकि चोर चोर मोसेरे भाई दिखाई दे .) ऐसा ही चलता रहा तो जल्दी ही युवा ऐसे रस्ते अपनाने से बाज नहीं आएँगे (वेसे भी बिगड़ने के कम रस्ते नहीं है उनके पास).शर्म की बात है एक आदमी जान से गया और उसे मारने वाली एक अभिनेत्री आज भी प्रेस कांफ्रेंस करके अभिनय जालबिछा रही है .और सोचने की बात है की लोग उसे प्रसिद्द करने के लिए बड़े बड़े काम के ऑफर दे रहे है.....
खेर में शायद मुद्दे से भटक गई .हम भी तंग आ गए है इस ९ से ६ की नौकरी से अब थोडा प्रसिद्द होने का मन करता है अब हम खुद तो असा कुछ कर नहीं सकते तोइंस्टिट्यूट खोलने की ठानी है
तो जो भी लोग प्रसिद्धि पाना चाहते कृपया अवश्य संपर्क करें .और अगर ज्यादा प्रसिद्धि पाना चाहते है तो अपने साथ १ अच्छा मर्डर प्लान भी ले आए और कोई बेबस इंसान भी लेते हुए आए ताकि आप उसे मारकर प्रसिद्धि पा सके .....हम इन्तेजार करेंगे......
7 comments:
Humorously serious... nice post
मैं आ रहा हूं। कृपया फीस वगैरह की पूरी जानकारी प्रेषित करने का कष्ट करें। फीस में रूप में अगर एक-दो मर्डर और लाश के १००० टुकड़े चाहिए तो कृपया अग्रिम सूचना देने की कृपा करें। आभारी रहूंगा।
जी अज्ञात जी,जेसे ही शिक्षकों की व्यवस्था होगी आपको जानकारी दे दी जाएगी .बेहतरीन कमेन्ट के लिए धन्यवाद्
सच ही तो है बदनाम हुए तो क्या हुआ कम से कम नाम तो हुआ वाली सोच का जीता जागता उदाहरण है ये केस..!!
और रामू जेसे मानसिक विकलांग लोग भी उन लोगो का साथ देकर प्रसिद्ध होने की होड़ में लगे हुए है.. और बिग बॉस जेसे सीरियल भी इसी सोच को भुनाने की कोशिश में है..जिसे देखो वो ही इस घटियापन के प्रचार में लगा है ...अब २०१२ में दुनिया के ख़तम होने में ही दुनिया की भलाई है लगता है....
Aapne jo kaha hai usme ek bat aur add kar dun ki jo situation hi aesi hai society main ki jo famous ho usi ki puch parakh hoti hai. aur wese bhi hamari purani aadat hai ki jo jitna famous uske peeche utne hi jyada log.. ye nahi dekha jata ki wo ku jana ja raha hai ..apne acche kamo se ya bure kamo se. Aur rahi sahi kasar "reality shows" ne puri kar di. Ye log lete hi controversial logo ko hai... Ab jab bhav hi galat logo ko mil raha hai ..tho log tho jayenge hi us raste!!!!
Interesting site. Great post, keep up all the work.
बहुत खूब लिखा है आपने... बधाई
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