Friday, October 8, 2010

Ye pyar ke dhage kahi janjeer se nikle,

              Dil main tere shabd lage teer se nikle


Tumne aag banke hame khoob jalaya,
            Hum Dard se nikle to fakir se nikle.


Hum tum ko khuda maankar sajde main jhuk gae
            Jab aankh khuli to ilm hua tum bepeer se nikle.


Ye kiski najar lag gai mere aashiyane ko,
             Shayad khushi raas na aai jamane ko.


Hum hamsafar mankar tumhe
              chal diye tumhare sath


Par Sach to ye tha


Tum Jageerdar ban gae
             Aur Hum Jageer se Nikle


Thursday, August 26, 2010

जीवन और मृत्यु

क्या मृत्यु ही जीवन का अटल सत्य है...
या जीवन  एक  सीढ़ी है मृत्यु तक जाने की ?
अगर यही दो  सत्य है इस जीवन के 
तो ऐ खुदा मुझे अनंत पीड़ा से मुक्त कर दे
क्या जीवन सिर्फ इसलिए है की उसे तिल तिल मरकर बिता दिया जाए?
या इसलिए है की अपनी आँखों की चमक एक अनजाने से खौफ में 
सिमटकर खो दी जाए और बस एक तड़प बसा ली जाए आत्मा में ?

तो ले ले अपना ये अहसान मुझसे वापस
मन नहीं लगता तेरी इस दोगली दुनिया में 
क्युकी मैं जानती हु जब इंसान जीवन मृत्यु के फेर मैं पड़ जाए तो एक उदासी घर कर जाती है उसके अन्दर
और यही उदासी मार देती है उसे दीमक की तरह
जिंदगी में  मीठे जल क झरनों की जरुरत होती है हमेशा
और जब जिदगी  रेगिस्तान बन जाए तो काँटों की उम्मीद भी नहीं रहती
क्यूंकि उन्हें पनपने क लिए भी १ सोता चाहिए होता है
ये जीवन मृत्यु का फेर ही अनंत है...
शायद कोई नहीं समझा
मैं समझना चाहती हु बस एक  बार मुझे बता की क्यों हु मैं इस दुनिया मैं
  तेरी लिखी हुई तकदीर का बोझ  धोने के  लिए या
बस मृत्यु क आगोश मैं सो जाने तक जीने के  लिए....
बस एक  बार मुझे मुझे मेरे जीने का मकसद बता दे

Monday, August 23, 2010

बेसबब जिंदगी

दिन रात की हकीकत दिन रात का फ़साना,
क्या क्या अभी है खोना क्या क्या अभी है पाना।
बेसबब सी जिंदगी है या बेसबब हुए हम,
तुमको खबर लगे तो हमको भी ये बताना।
रफ़्तार के शहर मैं दौडती सी जिंदगी है,
या अपनी है चाल धीमि ये मुश्किल है समझ पाना ।
खुद से करें शिकायत या तुमसे गिला करें अब,
आसां नहीं होता है सबको राज़ ए दिल बताना ।
धरती का छौर ढूंढे या अम्बर को कर ले हासिल,
कितनी ही कर ले कोशिश पर छितिज का नहीं कोई ठिकाना।