Thursday, June 16, 2011

हम खुद को बदल देंगे

बहुत कठिन है राहें हमारे साथ की अब तक
अब ये दिल कहता है की हम खुद को बदल देंगे

हमे अहसास है इस बात का
               की खुद से खफा हो तुम
और हम तुमसे खफा होकर
                 अब जाए तो कहा जाए
तेरी उम्मीद की खातिर जब छोड़ दी दुनिया
       तो तेरे साथ की खातिर किस्मत से भी लड़ लेंगे
                                         अब ये दिल कहता है की हम खुद को बदल देंगे .
इक घुटन सी है दिल में तेरे
                 वही आइना है मेरे दिल का भी
हमराह होकर भी अनजान से हम
                   ना जाने कब से, मौसम है ऐसा ही
अमृत वर्षा के इन्तेजार में ,
                    हमने छोड़ा है सावन भी,
जैसा भी रहे मौसम ,
                      हम  तेरे साथ चल देंगे

अब ये दिल कहता है की हम खुद को बदल देंगे .

1 comment:

Anonymous said...

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