ये कौन आके हाथ मैं सपने थमा गया
हवा के झोंकों की तरह मेरा आँचल उडा गया
वो मेरे दिल मैं अज एलजादू जगा गया
हैं धड़कनें तेज और साँसों मैं जोर है...
वो मुस्कुरा के दिल को धडकना सिखा गया
चलते हुए वो राह मैं मिल गया इस तरह
जेसे जेठ की दुपहरी मैं बदल पानी बरसा गया
वो पास था तब तक हमें ख़बर भी न हुई
जब से दूर गया वो मेरे वजूद पर छा गया
थे रास्ते तो कई पर डर भी था मन मैं
हाथ थामकर वो मंजिल का रास्ता दिखा गया
इन राहों मैं मिलकर बिछडे कई लोग
पर आंखों से उतरकर दिल मैं अपना घर बना गया
प्यार के फूलों की बरसात लाया वो जिंदगी मैं
और प्रेम मैं ही मुझको वो जीना सिखा गया
3 comments:
Sachmuch dil ko chhu gayi hai ye lines.
Ekdum alag ehsas ko likha hai.....
kavita kuch sandesh de rahi hai
bahut hi umda ..............
aakhir ummeedon ne raasta dhoodh hi liya.....
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