इन लकीरों को अक्स कर लीजे
अपनी तमन्नाओं की लकीरें जोड़कर
जिंदगी मैं भी रंग भर लीजे...
इस अक्स मैं डूब जाइये रूह तक...
खुदा भी सोचने लगे उस अक्स क बारे मैं
उसकी चाहत मैं ख़ुद को इतना इतना मशहूर कर लीजे
इस कदर मोह्हब्बत कीजिये डूबकर
खुदा को वो अक्स बनने पर मजबूर कर लीजे
1 comment:
ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है कभी दूर तो कभी क़रीब होते है दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है और दर्द बताओ तो हमे शायर कहते है ....... एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर, हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर, मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना, हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर
Post a Comment