Wednesday, August 29, 2012

फेसबुक पतन की ओर ?

ज्यादा समय नहीं हुआ जब 'ऑरकुट' हम सब का चहेता था जिस तरह हम आजकल फेसबुक को जिंदगी का हिस्सा मानते हैं ठीक वैसे ही उस समय 'ऑरकुट' जिंदगी का हिस्सा था हाँ इस हद तक स्टेटस अपडेट करने का चलन नहीं था पर जो भी था जितना भी था सबकुछ 'ऑरकुट' था ,पर अचानक से फेसबुक की बयार आई लोगो ने फेसबुक पर अकाउंट बनाना शुरू किया और थोडा समय निकला की लोग पूछने लगे तुम फेसबुक पर हो और एसे कुछ लॉयल लोगो ने भी अंतत : फेसबुक पर अकाउंट बनाया क्यूंकि उनके सारे मित्र फेसबुक का रुख कर चुके....अब तो ये हाल है की मुझे ख़ुद अपना 'ऑरकुट' का अकाउंट ओपन किए महीनो बीत गए होंगे यहाँ तक की पिछले लगभग २ साल में शायद मुश्किल से २,४ बार चेक किया होगा वो अकाउंट . लोगो में फेसबुक का क्रेज़ है और स्मार्टफोन ,टेबलेट्स और अन्य आधुनिक गेजेट्स ने फेसबुक की लोकप्रियता को और भी बढ़ा दिया ...पर आजकल सुगबुगाहट है की जितनी तेज़ी से फेसबुक की लोकप्रियता बढ़ी ,जितना ज्यादा ये जिंदगियों का हिस्सा बना उतना ही जल्दी इसका नशा उतरेगा और लोग इससे दूर होते चले जाएँगे पर ये भी सच है की धुआ उठ रहा है तो आग कही ज़रूर होगी ..

ये आग सिर्फ दिखने वाली नहीं है इसके पीछे कई कारण है सबसे बड़ा कारण देखा जाए तो वो फेसबुक का जन्म के इतिहास में छुपा है कई लोग है जो ये बात नहीं जानते की हॉवर्ड यूनीवर्सिटी में पढने वाले स्टुडेंट्स के इक ग्रुप ने अपने कॉलेज के लिए इक प्रोजेक्ट बनाया पर उनमे से एक छात्र मार्क जुकरबर्ग ने वो प्रोग्रामिंग बाद में फेसबुक के नाम से लॉन्च की .इसके लिए उनके साथी छात्रों ने बिना अनुमति और सहमती के प्रोग्राम यूज करने के लिए उनका विरोध भी किया ,इस तरह देखा जाए तो फेसबुक एक तरह की चोरी से बनाई गई सोशल साईट है.
ये सच है की व्यापार में नैतिकता एक अलग मुद्दा है और इसका सम्बन्ध फेसबुक के पतन जोड़ना शायद ठीक नहीं पर इस कम्पनी की अपने यूज़र्स के प्रति भी कुछ नैतिक जिम्मेदारियां है पर फेसबुक पिछले कुछ समय जिस तरह से अपने निर्णय यूज़र्स पर थोप रहा है वह फेसबुक के लिए अच्छे भविष्य के संकेत नहीं हैं .

ज्यादा समय नहीं हुआ जब फेसबुक ने अपने यूज़र्स को टाइमलाइन के प्रयोग के लिए सिर्फ ७ दिन का समय दिया था और उसके बाद सभी प्रोफाइल टाइम लाइन पर शिफ्ट हो गए थे , फेसबुक के इस कदम से आज भी कई यूज़र्स नाराज़ दिखते हैं इसी के साथ फेसबुक ने अपनी ईमेल सेवा लॉन्‍च करके एक बार फिर यूजर्स को अनदेखा किया . यूजर्स की राय लिए बिना फेसबुक ने सभी यूजर्स को नया ईमेल आईडी ‘yourname@facebook.com’ दे दिया. यह ईमेल यूजर्स के टाइमलाइन में बतौर प्राइमरी आईडी दिखने लगा है. फेसबुक के इस कदम की भी काफी आलोचना भी हुई . अधिकतर यूजर्स ने तो इस ईमेल आईडी को नकार दिया है. शायद ही कोई यूजर इस आईडी का इस्‍तेमाल कर रहा होगा.
हाल ही में फेसबुक ने सरकारी दबाव में आकर कई प्रोफाइल बंद कर दिए यहाँ तक की लोगो को मेसेज भेजे गए की वो अगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का प्रयोग उनके हिसाब से नहीं करेंगे तो उनके प्रोफाइल बंद कर दिए जाएँगे इन सभी बातों के कारण कुछ लोगो ने ख़ुद ही फेसबुक से कन्नी काटना शुरू कर दिया है .

निवेशको के लिए फेसबुक द्वारा जरी किए आई पी ओ भी खटाई में पड़ते दिखाई दे रहे है 2012 की शुरुआत में फेसबुक ने दावा किया कि उसका फायदा पिछले साल की तुलना में 65 फीसदी बढ़कर एक अरब डॉलर हो गया है. कंपनी के रेवेन्‍यू में करीब 90 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 3.71 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. बीते मई में फेसबुक ने आईपीओ जारी किया. कंपनी ने 421,233,615 शेयर बेचने की पेशकश की और एक शेयर का मूल्‍य 38 डॉलर रखा गया. कंपनी को उम्‍मीद थी कि आईपीओ से उसे पांच अरब डॉलर की कमाई होगी. लेकिन बेहद तामझाम के साथ जारी हुआ फेसबुक के आईपीओ का बुलबुला फूट गया. शेयरों की कीमत गिरने लगी और बीते 18 अगस्‍त को कंपनी के एक शेयर का मूल्‍य 19.05 डॉलर तक पहुंच गया. अब इसके पीछे दो ही कारण हो सकते हैं या तो फेसबुक का अपने बारे लगाया गया आकलन गलत हुआ या निवेशकों का फेसबुक से विश्वास उठ गया पर दोनों कारणों का फल एक ही है की फेसबुक के आई पी ओ ने निवेशकों को नुक्सान पहुँचाया और फेसबुक की बाज़ार साख को भी .....

फेसबुक से लोगो को एक और शिकायत ये भी है की इसने लोगो की प्राईवेट जानकारिया सार्वजनिक कर दी हैं ,फेसबुक अपने यूज़र्स से समय समय पर जानकारी अपडेट करवाता है और ये साडी जानकारियां एक डाटाबेस के रूप में सार्वजनिक हो जाती है जिसके कारन कई बार यूज़र्स को समस्याओं का सामना करना पड़ता है ऐसे में लगता है कि फेसबुक अपने यूजर्स को बिना तनख्‍वाह के कंपनी के लिए ऐड जुटाने वाले कर्मचारी के तौर पर देखता है.इसी के साथ कोई यूजर यदि अपना फेसबुक अकाउंट डिलीट करना चाहता है तो भी उसे काफी दिक्‍कत होती है. sileo.com जैसी कई वेबसाइटों ने फेसबुक अकाउंट डिलीट करने से जुड़े कई लेख लिखे हैं. लेकिन जानकारों का मानना है कि फेसबुक अकाउंट डिलीट करना बेहद कठिन काम है.

फेसबुक ने शुरू से ही प्रोफिट मेकिंग को बहुत ज़रूरी समझा पर आईपीओ फेल होने से इसके रेवेन्‍य में गिरावट आई है विज्ञापनों से होने वाली आय फेसबुक की सबसे बड़ी कमाई है पर इसमें भी तेजी से गिरावट आई है कई कंपनियां फेसबुक पर विज्ञापन देने से हिचकने लगीं और इनके कदम पीछे खींच लेने से फेसबुक को रेवेन्‍यू का नुकसान हुआ.

फेसबुक के आने के बाद सामाजिक जीवन पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है ,बहुत छोटी उम्र के बच्चे भी इसका प्रयोग कर रहे हैं और कुछ लोगो की माने तो फेसबुक ने बच्चो का बचपन छीन लिया है, बच्चे बाहर जाकर खेलने की जगह फेसबुक का प्रयोग ज्यादा कर रहे हैं जो उनके मानसिक विकास पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है फेसबुक पर अधिक समय बिताने वाले बच्‍चों में मैनिया, पैरोनिया, चिड़चिड़ापन और शराब पीने की लत जैसी बीमारियों का खतरा ज्‍यादा होता है. ,कई माता पिता इसके सम्बन्ध में गहन चिंता व्यक्त करते हैं और चाहते है की उनके बच्चे फेसबुक से दूर रहे, ठीक यही स्तिथि बड़ो के साथ भी है अपने आस पास की दुनिया से दूर ये लोग फेसबुक के साथ अपनी इक नई ही दुनिया बना रहे हैं ,इसी के साथ साइबर क्राइम भी काफी बढ़ा है ,यूज़र प्रोफाइल हेकिंग ,गलत प्रोफाइल बनाना, लड़कियों के प्रोफाइल से फोटो चुराना आदि घटनाएँ भी बढ़ रही है ,जो सामाजिक रूप से सही नहीं कही जा सकती .

फेसबुक के अपने कुछ फायदे भी है और नुक्सान भी .पर लोगो के इसके प्रति बढ़ते असंतोष के कारण इसके पतन का रास्ता खुलता जा रहा है , क्यूंकि जुकरबर्ग के साथ प्रोजेक्ट में शामिल २ जुड़वाँ भाइयों ने अपनी सोशल नेटवर्क साईट लॉन्च करने की घोषणा की है जिससे हो सकता है भविष्य में फेसबुक पर प्रभाव पड़े साथ ही निवेशकों की नाराजगी भी फेसबुक को झेलनी पड़ सकती है.संभावनाएं है की ऑरकुट की तरह फेसबुक भी भूतकाल की गर्त में समां जाए....

इस आर्टिकल को भास्कर भूमि और मीडिया दरबार एवं खरी न्यूज़. com  पर भी देखा जा सकता है 
.आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी

5 comments:

Yashwant R. B. Mathur said...

बहुत ही अच्छा आलेख प्रस्तुत किया है आपने।

मेरी जानकारी मे फेसबुक एकाउंट डिलीट करना बेहद आसान है।

आपको सिर्फ Account settings मे जा कर Security पर क्लिक करना है ,इसमे सब से नीचे Deactivate your account पर क्लिक कर के कुछ जानकारी भर कर आसानी से फेसबुक से मुक्ति पायी जा सकती है।

सादर

दिगम्बर नासवा said...

अभी तो नहीं लगता की फेसबुक से लोगों का मोह भंग हो रहा है ... आने वाले समय में कुछ हो जाय तो पता नहीं ...

प्रवीण पाण्डेय said...

अपने इरादों से कहीं आगे निकल गया फेसबुक..

रश्मि प्रभा... said...

sab din hot n ek saman :)

सदा said...

बहुत सही लिखा है आपने ...