ऐ प्रेम मैं तुम्हे तब तलक पढूंगी
जब तक तलक तुम लिखे जाते रहोगे
अगर अपना पढ़ा जाना चाहते हो
तो लिखने वालों को सलामत रखो....
ऐ प्रेम मैं तुम्हे तब तलक लिखूंगी
जब तलक तुम पढ़े जाते रहोगे
अगर अपना लिखा जाना चाहते हो
तो अपने करने वालों को सलामत रखो
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3 comments:
बहुत बधाई..
अपने लिखा है तो लेख अच्छा ही होगा (चश्मा लगा होने के बावजूद पढ़ने मे नहीं आ रहा)।
वैसे अभी ऐसे रिश्ते से हम दूर हूँ :)
हार्दिक बधाई।
सादर
बधाई हो!
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