नया बसाएं अपना संसार प्रिये
आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी
करे प्रेम प्रीत और प्यार प्रिये
तुम चिड़िया सी चहक जाना
मै भवरे सा गुनगुनाऊंगा
तुम चांदनी को आँचल देना
मै सूरज की किरने लाऊंगा
महक जाएगा घर बार प्रिये
करे प्रेम प्रीत और प्यार प्रिये
मेरे सपनो को आँगन देकर
ये प्रेम का सावन देकर
उम्मीदों की डोर ना यु बांधो
ये प्रेम का बंधन देकर
मै चिड़िया बन ना उड़ पाऊँगी
शिकारी बेठे तैयार प्रिये
कैसे होगा ये प्यार प्रिये ?
तुम्हे मोती सा छुपाकर रख लूँगा
सबकी नज़र बचाकर रख लूँगा
तुम कोमल चंचल निर्मल हो
नगीने सा सजाकर रख लूँगा
रखो मुझपर विश्वास प्रिये
सुन्दर होगा संसार प्रिये
करे प्रेम प्रीत और प्यार प्रिये
तुम दुनिया से छुपाकर रख लोगे
मुझे घर में सजाकर रख लोगे
अभी तो प्रेयसी हू मै तेरी
दुनिया वालो के डर से मुझे
जागीर बनाकर रख लोगे
मुझे प्रेम में साथी चाहिए
ना चाहू मैं चौकीदार प्रिये
कैसे होगा ये प्यार प्रिये ? आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी
14 comments:
मुझे प्रेम में साथी चाहिए
ना चाहू मैं चौकीदार प्रिये
कैसे होगा ये प्यार प्रिये ?
यह पंक्तियाँ बहुत खास हैं।
सादर
प्रेम के मधुर एहसास में बिंधी ... लाजवाब रचना ...
लेखक जी तुम क्या लिखते हो...जो भी लिखते हो कमाल का लिखते हो...
बहुत ही बेहतरीन और प्यारी रचना है..
अंतिम पंक्तियाँ बहुत ही लाजवाब है...
:-)
दो लाइने मेरी और से
एक पुरानी पढ़ी कविता की लाइने याद आई
"मै दिल्ली तू अगर मीलो का है फासला
कैसे होगा ये प्यार प्रिये"
मुझे प्रेम में साथ चाहिए ,चौकीदार नहीं ...
वाह !
वाह बेहतरीन :)
बड़े ही कोमल भाव व्यक्त किये हैं आपने।
भावमय करते शब्दों का संगम ... बेहतरीन प्रस्तुति।
बेहतरीन रचना
शSSSSSSSSSS कोई है
इन सूरतों में तो वाकई "कैसे होगा प्यार प्रिये " ???
अनु
शानदार प्रेम गीत... हर प्रेम करने वाला गुनगुनाये
:):) भावों को खूबसूरती से लिखा है
पाया है सदा उनको खुदा के रूप में दिल में
उनकी बंदगी कर के खुदा को पूज लेते हैं.
वाह बहुत खूबसूरत अहसास हर लफ्ज़ में आपने भावों की बहुत गहरी अभिव्यक्ति देने का प्रयास किया है... बधाई आपको... सादर वन्दे
http://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
Post a Comment