तुम मेरे लिए धूप के टुकड़े से हो
तुम्हारी थोड़ी सी कमी जेसे गला देती है मुझे
ऐसा लगता है उंगलियाँ जमने सी लगी है
और जब थोडा सा प्यार बढ़ जाता है
तो घबरा जाती हु कही जल न जाऊ
तुम हमेशा से एसे ही थे ?
एकदम धूप जेसे... जीवनदाई भी और जानलेवा भी...?
मैं हमेशा तुम्हे एक सा चाहती हु
और तुम कभी एक से नहीं होते
कभी अचानक से भड़कते लावे से हो जाते हो
जैसे अभी भस्म कर दोगे अपनी अग्नि में
जला दोगे मेरा हर कतरा अपने क्रोध से
अचानक से गर्म तवे पर पड़ी
पानी की बूँद से छनक उठते हो
और थोड़ी ही देर में ओंस की बूँद से मुस्कुरा देते हो
तुम हमेशा से एसे ही थे?
जितने गर्म उतने ही शीतल भी ?
मैं तुम्हे हमेशा से सहेज कर रख लेना चाहती थी
जैसे बचपन में छुपा कर रख लेती थी अपना गुड्डा
पर तुम तो बिखरे बिखरे से हो
जितना सहेजू उतना और बिखर जाते हो
जितना मै झुक जाऊ तुम और अकड जाते हो
तुम्हे न सहेजू तो दिल दुखा लेते हो
और थोडा सा ज्यादा सहेज लूं तो
बड़ी जल्दी दिल दुखा देते हो मेरा
तुम हमेशा से एसे ही थे ?
दिल दुखा लेने वाले और दिल दुखा देने वाले भी ?
आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी
तुम्हारी थोड़ी सी कमी जेसे गला देती है मुझे
ऐसा लगता है उंगलियाँ जमने सी लगी है
और जब थोडा सा प्यार बढ़ जाता है
तो घबरा जाती हु कही जल न जाऊ
तुम हमेशा से एसे ही थे ?
एकदम धूप जेसे... जीवनदाई भी और जानलेवा भी...?
मैं हमेशा तुम्हे एक सा चाहती हु
और तुम कभी एक से नहीं होते
कभी अचानक से भड़कते लावे से हो जाते हो
जैसे अभी भस्म कर दोगे अपनी अग्नि में
जला दोगे मेरा हर कतरा अपने क्रोध से
अचानक से गर्म तवे पर पड़ी
पानी की बूँद से छनक उठते हो
और थोड़ी ही देर में ओंस की बूँद से मुस्कुरा देते हो
तुम हमेशा से एसे ही थे?
जितने गर्म उतने ही शीतल भी ?
मैं तुम्हे हमेशा से सहेज कर रख लेना चाहती थी
जैसे बचपन में छुपा कर रख लेती थी अपना गुड्डा
पर तुम तो बिखरे बिखरे से हो
जितना सहेजू उतना और बिखर जाते हो
जितना मै झुक जाऊ तुम और अकड जाते हो
तुम्हे न सहेजू तो दिल दुखा लेते हो
और थोडा सा ज्यादा सहेज लूं तो
बड़ी जल्दी दिल दुखा देते हो मेरा
तुम हमेशा से एसे ही थे ?
दिल दुखा लेने वाले और दिल दुखा देने वाले भी ?
आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी
17 comments:
आस का विश्वास ही प्यास बनकर उमड़ता है..
बहुत सुन्दर ,...
भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...
बहुत सुंदर भावाव्यक्ति ,बधाई .....
बहुत अच्छी प्रस्तुति, भावपूर्ण सुंदर रचना.....
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!
MY NEW POST ...सम्बोधन...
bahut hi achhi lagi ...
जैसा प्यार वैसा गुस्सा...
बहुत सुन्दर भाव...
सुंदर भाव.....सुंदर रचना
प्रेम रस से भीगी खुबसूरत प्रस्तुति कि बधाई
कइयों के मन की बात कह दी .....
मन की भावनाओं को बखूबी लिखा है ...
सुंदर भावाव्यक्ति
बधाईयां
बहुत हि सुन्दर .......
बहुत सुन्दर .....मन खुश हो गया पढ़ कर.
प्रेम की गर्मी अक्सर कभी धुप ओर कभी शबनम सी उतर आती है ... प्रेम की अभिव्यक्ति ...
manbhaawan kriti pyaar bharee. badhai.
manbhaawan kriti pyaar bharee. badhai.
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