मुस्कराहट की शराब लाया है
कोई फिर दीवाना बनाने आया है
रूहानी रौशनी से नहाया सा हुआ
नज़रों को झुकाए हुए शरमाया सा हुआ
सुर्ख होंठो पर सज़ा के प्रेम का भ्रम
चाँद की सीढ़ियों से रखकर कदम
रात भर के बैचैन ख्वाब लाया है
मुस्कराहट की शराब लाया है
कोई फिर दीवाना बनाने आया है
कोई बेपनाह ऐतबार में है
बड़ी कशिश किसी के प्यार में है
आज ख़ाली से पड़े है मैखाने
बड़ी खुमारी इस इंतज़ार में है
आज वो नकाब उठा आया है
मुस्कराहट की शराब लाया है
कोई फिर दीवाना बनाने आया है
आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी
कोई फिर दीवाना बनाने आया है
रूहानी रौशनी से नहाया सा हुआ
नज़रों को झुकाए हुए शरमाया सा हुआ
सुर्ख होंठो पर सज़ा के प्रेम का भ्रम
चाँद की सीढ़ियों से रखकर कदम
रात भर के बैचैन ख्वाब लाया है
मुस्कराहट की शराब लाया है
कोई फिर दीवाना बनाने आया है
कोई बेपनाह ऐतबार में है
बड़ी कशिश किसी के प्यार में है
आज ख़ाली से पड़े है मैखाने
बड़ी खुमारी इस इंतज़ार में है
आज वो नकाब उठा आया है
मुस्कराहट की शराब लाया है
कोई फिर दीवाना बनाने आया है
आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी
13 comments:
मुस्कराहट सबको आनन्दित कर देती है।
इश्क अक्सर दीवाना बनाने ही आता है..
सुन्दर..
Bahut khub...muskurahat ki sharab...:-)
किसी की मुस्कराहट से नशा आ जाये , क्या बात है आपकी सोंच को नमन , बधाई
क्या बात है।
वाह!
मुस्काराहटों से बच के रहना
जाल में ऐसे ही फंसते हैं
प्रेम तो लोगो को दीवाना बना ही देता है .
और मुस्कान ही तो प्रेम का प्रथम चरण है .
बेहतरीन प्रेमपगी रचना...
गहरे भाव...
सुंदर रचना।
सुभानालाह........प्रेम में छलकती ये पोस्ट बहुत अच्छी लगी.......शाबाश |
वाह,
बेहतर.
We should be painstaking and fussy in all the intelligence we give. We should be extraordinarily careful in giving guidance that we would not about of following ourselves. Most of all, we ought to refrain from giving advisor which we dont tag along when it damages those who woo assume us at our word.
.
बहुत ख़ूबसूरत लिखा है आपने…
सुर्ख़ होंठों पर सजा कर प्रेम का भ्रम
चांद की सीढ़ियों से रख कर कदम
रात भर के बेचैन ख़्वाब लाया है…
मुस्कुराहट की शराब लाया है …
कोई फिर दीवाना बनाने आया है !
बहुत सुंदर !
मुझे प्रेम कविताएं बहुत आकर्षित करती हैं
…और कनुजी आपने लिखा भी बहुत अच्छा है ! आभार और बधाई इस प्रेम कविता के लिए …
शुभकामनाओं सहित…
क्या बात है।
बहुत ही सुंदर .... एक एक पंक्तियों ने मन को छू लिया ...
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