tag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post8608966887575545318..comments2023-09-04T07:32:40.112-07:00Comments on parwaz परवाज़.....: Dirty Picture :Dignity and dirtiness Together...With Entertainment Entertainment and Entertainment....kanu.....http://www.blogger.com/profile/16556686104218337506noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-4696133795766600012012-05-03T02:58:21.279-07:002012-05-03T02:58:21.279-07:00Today is ethical poorly, isn't it?Today is ethical poorly, isn't it?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-71674649391934455372011-12-12T21:52:45.168-08:002011-12-12T21:52:45.168-08:00संतुलित आलोचना.संतुलित आलोचना.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-23508094424213173212011-12-10T04:21:36.229-08:002011-12-10T04:21:36.229-08:00इक अरसा हुआ इस लौ को जलते हुए देख अकस्मात कह बैठा ...इक अरसा हुआ इस लौ को जलते हुए देख अकस्मात कह बैठा था कि इस लौ को जलाए रहिएगा ..इस बीच न जाने कहाँ भटकता रहा और तेरा इश्क सूफियाना सुनने की बड़ी इच्छा हुयी तो गूगल पर सर्च मारा और आपकी ये पोस्ट सामने ..क्या इत्तेफाक है इस गाने की तारीफ यहाँ भी है ..आनंद आया और हाँ फिल्म बहुत अच्छी समीक्षा किया है आपने ...प्रेम जैसे उदात्त मानवीय मूल्य की पुनरस्थापना का इतना सुन्दर प्रयास है किर मन प्रफुल्लित हो गया और थोडा संजीदा भी...और हाँ यह दिया जलाये रखियेगा ..मैं फिर आऊंगा....कब जानता नहीं मगर यहाँ तो आना ही है ......Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-80621142503162847512011-12-10T04:20:47.748-08:002011-12-10T04:20:47.748-08:00This comment has been removed by the author.Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-29680494625128645412011-12-10T04:20:06.427-08:002011-12-10T04:20:06.427-08:00इक अरसा हुआ इस लौ को जलते हुए देख अकस्मात कह बैठा ...इक अरसा हुआ इस लौ को जलते हुए देख अकस्मात कह बैठा था कि इस लौ को जलाए रहिएगा ..इस बीच न जाने कहाँ भटकता रहा और तेरा इश्क सूफियाना सुनने की बड़ी इच्छा हुयी तो गूगल पर सर्च मारा और आपकी ये पोस्ट सामने ..क्या इत्तेफाक है इस गाने की तारीफ यहाँ भी है ..आनंद आया और हाँ फिल्म बहुत अच्छी समीक्षा किया है आपने ...प्रेम जैसे उदात्त मानवीय मूल्य की पुनरस्थापना का इतना सुन्दर प्रयास है किर मन प्रफुल्लित हो गया और थोडा संजीदा भी...और हाँ यह दिया जलाये रखियेगा ..मैं फिर आऊंगा....कब जानता नहीं मगर यहाँ तो आना ही है ......Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-77479690273177356172011-12-10T04:18:53.011-08:002011-12-10T04:18:53.011-08:00इक अरसा हुआ इस लौ को जलते हुए देख अकस्मात कह बैठा ...इक अरसा हुआ इस लौ को जलते हुए देख अकस्मात कह बैठा था कि इस लौ को जलाए रहिएगा ..इस बीच न जाने कहाँ भटकता रहा और तेरा इश्क सूफियाना सुनने की बड़ी इच्छा हुयी तो गूगल पर सर्च मारा और आपकी ये पोस्ट सामने ..क्या इत्तेफाक है इस गाने की तारीफ यहाँ भी है ..आनंद आया और हाँ फिल्म बहुत अच्छी समीक्षा किया है आपने ...प्रेम जैसे उदात्त मानवीय मूल्य की पुनरस्थापना का इतना सुन्दर प्रयास है किर मन प्रफुल्लित हो गया और थोडा संजीदा भी...और हाँ यह दिया जलाये रखियेगा ..मैं फिर आऊंगा....कब जानता नहीं मगर यहाँ तो आना ही है ......Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-11067072043291541362011-12-06T05:30:32.250-08:002011-12-06T05:30:32.250-08:00मैं आपकी बातों से सहमत हूँ। मुझे इस फ़िल्म के संवा...मैं आपकी बातों से सहमत हूँ। मुझे इस फ़िल्म के संवादों ने ही छुआ हलाकी यह बात भी सच है कि ज्यादा तर संवाद बहुत ही ज्यादा double meaning है मगर उनको छोड़कर बाकी संवाद मुझे तो पसंद आए बाकी तो जैसा आपने बताया कि अपनी-अपनी पसंद है। जैसे वो संवाद ज़िंदगी एक बार मिली है तो दो बार क्या सोचना...या एक दो संवाद और भी हैं मागे अभी याद नहीं आ रहे है। मगर अच्छी समीक्षा ....Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-2836626653866685932011-12-05T21:03:58.878-08:002011-12-05T21:03:58.878-08:00बढ़िया आलोचना, पढ़ कर फ़िल्म देखने का मन हो गया!बढ़िया आलोचना, पढ़ कर फ़िल्म देखने का मन हो गया!Sunil Deepakhttps://www.blogger.com/profile/05781674474022699458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-39792482141611033742011-12-05T01:54:53.839-08:002011-12-05T01:54:53.839-08:00जैसी प्रचारित है, वैसी ही लग रही है।जैसी प्रचारित है, वैसी ही लग रही है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7688050649114501506.post-5457651764159080032011-12-04T23:59:02.890-08:002011-12-04T23:59:02.890-08:00खूबसूरत अंदाज में आपने 'डर्टी पिक्चर' को ...खूबसूरत अंदाज में आपने 'डर्टी पिक्चर' को पेश किया....... <br />अब तक देखा नहीं, वैसे विद्या बालन की मौजूदगी के कारण फिल्म को देखने की इच्छा थी पर अब इस पोस्ट को पढने के बाद जल्द से जल्द थियेटर का रूख करने का मन कर रहा है।Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.com