Monday, February 20, 2012

तुम हमेशा से एसे ही थे ?

तुम मेरे लिए धूप के टुकड़े से हो
तुम्हारी थोड़ी सी कमी जेसे गला देती है मुझे
ऐसा लगता है उंगलियाँ जमने सी लगी है
और जब थोडा सा प्यार बढ़ जाता है
तो घबरा जाती हु कही जल न जाऊ
तुम हमेशा से एसे ही थे ?
एकदम धूप जेसे... जीवनदाई भी और जानलेवा भी...?

मैं हमेशा तुम्हे एक सा चाहती हु
और तुम कभी एक से नहीं होते
कभी अचानक  से भड़कते लावे से हो जाते हो
जैसे अभी भस्म कर दोगे अपनी अग्नि में
जला दोगे मेरा हर  कतरा अपने क्रोध से
 अचानक से गर्म तवे पर पड़ी
पानी की बूँद  से छनक उठते हो
और थोड़ी ही देर में ओंस की बूँद से मुस्कुरा देते हो
तुम हमेशा से एसे ही थे?
 जितने गर्म उतने ही शीतल भी ?

मैं तुम्हे हमेशा से सहेज कर रख लेना चाहती थी
जैसे बचपन में छुपा कर रख लेती थी अपना गुड्डा
पर तुम तो बिखरे बिखरे से हो
जितना सहेजू उतना और बिखर जाते हो
जितना मै झुक जाऊ तुम और अकड जाते हो
तुम्हे न सहेजू  तो दिल दुखा लेते हो
और थोडा सा ज्यादा सहेज लूं तो
बड़ी जल्दी दिल दुखा देते हो मेरा
तुम हमेशा से एसे ही थे ?
दिल दुखा लेने वाले  और दिल दुखा देने  वाले भी ?


आपका एक कमेन्ट मुझे बेहतर लिखने की प्रेरणा देगा और भूल सुधार का अवसर भी

17 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

आस का विश्वास ही प्यास बनकर उमड़ता है..

कमल कुमार सिंह (नारद ) said...

बहुत सुन्दर ,...

Pallavi saxena said...

भावपूर्ण अभिव्यक्ति ...

Sunil Kumar said...

बहुत सुंदर भावाव्यक्ति ,बधाई .....

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया said...

बहुत अच्छी प्रस्तुति, भावपूर्ण सुंदर रचना.....
शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!

MY NEW POST ...सम्बोधन...

रश्मि प्रभा... said...

bahut hi achhi lagi ...

vidya said...

जैसा प्यार वैसा गुस्सा...

बहुत सुन्दर भाव...

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सुंदर भाव.....सुंदर रचना

Dev said...

प्रेम रस से भीगी खुबसूरत प्रस्तुति कि बधाई

निवेदिता श्रीवास्तव said...

कइयों के मन की बात कह दी .....

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

मन की भावनाओं को बखूबी लिखा है ...

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुंदर भावाव्यक्ति
बधाईयां

चंदन said...

बहुत हि सुन्दर .......

संजय भास्‍कर said...

बहुत सुन्दर .....मन खुश हो गया पढ़ कर.

दिगम्बर नासवा said...

प्रेम की गर्मी अक्सर कभी धुप ओर कभी शबनम सी उतर आती है ... प्रेम की अभिव्यक्ति ...

डॉ. जेन्नी शबनम said...

manbhaawan kriti pyaar bharee. badhai.

डॉ. जेन्नी शबनम said...

manbhaawan kriti pyaar bharee. badhai.